The Kerala Story Movie Review: ये फिल्म डराती है | Adah Sharma | Sudipto Sen | The National TV

फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ पर एजेंडा फिल्म होने के आरोप लगे हैं। आरोप लगा कि 30 हजार लड़कियों के धर्म परिवर्तन का आंकड़ा झूठा है। ये फिल्म कहानी चार युवतियों की है। तीन पाले के एक तरफ और चौथी दूसरी तरफ। लेकिन, अगर ये सच्ची कहानी किसी एक भारतीय युवती की भी है तो भी इसे दुनिया को दिखाया ही जाना चाहिए। फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ सिरे से समझाती है कि ‘लव जिहाद’ को कैसे अंजाम दिया जाता है। फिल्म खत्म होने के बाद उन परिवारों के लोगों के असल इंटरव्यू दिखाए गए हैं, जिनके साथ ये सब वाकई हो चुका है। एक हंसते खेलते परिवार की युवती शालिनी जिसे अपनी संस्कृति, अपने परिवार, अपने रहन सहन और अपने आस पड़ोस से प्यार है। नर्स बनने के लिए वह नर्सिंग कॉलेज आती है। हॉस्टल में उसकी जिन युवतियों से दोस्ती है, उनमें से एक उसे एक ऐसे रास्ते पर ले जाने का तानाबाना बुनती है, जहां से वापसी की राह ही नहीं है। केरल से श्रीलंका, श्रीलंका से अफगानिस्तान और अफगानिस्तान से सीरिया का उसका सफर वहां आकर थमता है जहां उसके जैसी तमाम लड़कियां आतंकवादी संगठन आईएसआईएस के कैंप में सिर्फ इसलिए जमा की गई हैं कि वे इन आतंकवादियों की देह की भूख मिटा सकें।

शोध की झलक दिखाती फिल्म

फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ शुरू होते ही बताती है कि जिन युवतियों की कहानियों पर ये फिल्म बनी है, उनके घरवालों ने कैमरे पर अपनी आपबीती सुनाई है। शुरू शुरू में तो लगता है कि ये एक ऐसी फिल्म है जिसे किसी खास राजनीतिक उद्देश्य से ही बनाया गया है। लेकिन, जैसे जैसे फिल्म आगे बढ़ती है, ये दर्शकों को अपने साथ जोड़ने लगती है। दिखावे के हमले, दिखावे की सहानुभूति और दिखावे के प्रेम से युवतियों को बरगलाया जाता है। इस्लाम के मायने तोड़ मरोड़कर समझाए जाते हैं। यहां तक कि हिंदू देवी देवताओं और ईसा मसीह के बारे में तमाम ऐसी बातें कही जाती हैं, जिन्हें देखकर लगता है कि अगर यही बात किसी और धर्म के बारे में कही गई होती तो क्या उस धर्म के अनुयायी भी इतने ही सहिष्णु होकर ये फिल्म देखते रहते। धर्म प्रचारकों के हथकंडों का पर्दाफाश करती फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ खत्म होते होते एक ऐसी सच्ची घटना पर आधारित फिल्म बन जाती है जिसे कहना हर कालखंड में जरूरी लगता है।

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