सुपरस्टार रजनीकांत की फिल्मों का उनके फैंस बेसब्री से इंतजार करते रहते हैं। आज रजनी कांत की फिल्म सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है। रजनीकांत इस फिल्म में एक ऐसे पिता की भूमिका में हैं, जिन्होंने अपने बेटे को सच्चाई के रास्ते पर हमेशा चलने के लिए प्रेरित किया है। लेकिन जब उन्हें लगता है कि उनके बताए रास्ते चलने से बेटे को एक बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी तो उन्हे इस बात का अफसोस भी होता है, उन्होंने बेटे को गलत शिक्षा दे दी। लेकिन अंत में ऐसे रहस्य से पर्दा उठता है कि मुथुवेल पांडियन का किरदार निभा रहे रजनीकांत खुद दंग रह जाते हैं।
मुथुवेल पांडियन, उर्फ मुथु एक सेवानिवृत्त जेलर हैं। जो अपने परिवार के साथ एक साधारण जीवन जीते हैं। इस फिल्म में रजनीकांत ने मुथुवेल पांडियन का किरदार निभाया है। उनका बेटा अर्जुन (वसंत रवि) एक ईमानदार पुलिस अधिकारी है। अर्जुन का वर्मा (विनकायन) के साथ झगड़ा हो जाता है, जो भगवान की प्राचीन वस्तुओं और मूर्तियों की तस्करी करता है। अचानक एक दिन अर्जुन लापता हो जाता है। मुथु को पता चलता है कि उसके बेटे की हत्या कर दी गई है। मुथु अपने बेटे के हत्यारों का सुनियोजित ढंग से मर्डर करता है। तभी पता चलता कि उनके बेटे की हत्या नहीं हुई है, बल्कि किसी ने उसे किडनैप करके रखा है।
फिल्म में काफी लंबे समय के बाद रजनीकांत एक दमदार किरदार में नजर आए हैं। फिल्म के निर्देशक नेल्सन ने रजनीकांत के किरदार को बहुत ही अच्छे तरीके से फिल्म में पेश किया है। इंटरवल से पहले भाग में रजनीकांत एक सुलझे हुए शरीफ पिता के किरदार में नजर आते हैं, लेकिन जैसे -जैसे फिल्म की कहानी आगे बढ़ती है, उनका खतरनाक रूप दर्शकों के सामने आता है। कहानी में जबरदस्त मोड़ तब आता है जब वह अपनी पत्नी से कहते है कि डॉक्टर के सामने मरीज, तुम्हारे सामने शरीफ, दुनिया के सामने गुंडा मवाली, अब ऐसा नहीं होगा, अब एक ही चेहरा होगा। फिल्म में रजनीकांत की कॉमेडी टाइमिंग का अच्छा इस्तेमाल किया गया है और योगी बाबू के साथ उनके दृश्यों ने खूब हंसाया। पहले घंटे में डार्क कॉमेडी ने काफी अच्छा काम किया।
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