ISRO ने आज वो ऐतिहासिक कारनामा कर दिखाया है जिसका इंतजार भारत को सालों से था. आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से दोपहर 2:35 पर Chandryaan-3 की सफल लांचिंग की गई. इस दौरान पूरी दुनिया की निगाहें भारत पर थी. 4 साल पहले देखा गया यह सपना आज पूरा होने के नजदीक पहुँच गया हैं
Chandryaan-3 के आज लांचिंग के बाद इसे 23 या 24 अगस्त को Chandryaan-3 की सॉफ्ट लैंडिंग भी कराई जाएगी. इसकी सॉफ्ट लैंडिंग के लिए जरूरी है कि वहाँ सूर्य निकला हो क्योंकि लैंडर के लिए सूर्य की रौशनी जरूरी है. चांद पर आधे महीने सूर्य निकलता है और आधे महीने सूर्य की रौशनी नही होती है.|
अगर भारत Chandrayaan-3 की सफल लैंडिंग कराने में कामयाब हो जाता है तो वह ऐसा करने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाएगा इसके पहले चीन अमेरिका और रूस ने चांद पर अपने-अपने उपकरण भेजे हुए हैं इसके साथ ही एशिया का दूसरा देश भारत बनेगा जिसके उपकरण चांद पर जा चुके हैं.
मिशन चंद्रयान का बजट Chandrayaan-2 के अपेक्षाकृत काफी कम है Chandrayaan-3 का पूरा बजट 651 करोड रुपए का है जो कि फ़िल्म आदिपुरुष से भी कम है. Chandrayaan-2 का बजट 900 करोड से अधिक का बजट था हमारे वैज्ञानिकों ने सीमित संसाधनों में Chandrayaan-3 की बेहतर डिजाइनिंग की है. Chandrayaan-3 में स्वदेशी प्रोपल्शन लगाया गया हुआ है. Chandrayaan-2 का ऑर्बिटर अभी भी चांद के कक्षा में घूम कर अपना काम कर रहा है जो कहीं ना कहीं Chandrayaan-3 के लिए सहायक साबित होगा.
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