AJMER 92 Trailer | Ajmer 92 Trailer Review | AJMER 92 Review Hindi

फिल्म का रिलीज से पहले विवाद में पड़ना एक चलन सा बनता जा रहा है। कोई न कोई संगठन अपनी छवि को नुकसान पहुंचाने की बात कहकर विवाद छेड़ ही देता है। पिछले दिनों फिल्म "द केरल स्टोरी" भी रिलीज से पहले विवादों में घिरी रही और अब  AJMER-92 फिल्म को लेकर राजस्थान में विवाद खड़ा हो गया है। मुस्लिम संगठन और अजेमर दरगाह कमेटी फिल्म के विरोध में उतर आई है। कमेटी के पदाधिकारियों ने कहा कि इस फिल्म के जरिए एक समुदाय को निशाना बनाया जा रहा है। अगर, फिल्म के जरिए अजमेर शरीफ दरगाह और ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की छवि को नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया गया तो फिल्म निर्माताओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। 

 

साल 1992 और तारीख थी 21 अप्रैल, इस दिन एक अखबार ने बड़ा खुलासा किया, जिसके बाद सामने आया कि अजमेर में रसूखदार परिवारों के लोगों ने स्कूल और कॉलेज की 100 से ज्यादा लड़कियों को अपने जाल में फंसाकर उनका यौन शोषण किया। दावा किया गया कि इनमें से कई लड़कियों के साथ गैंगरेप भी किया गया है। हालांकि, उस दौरान ज्यादा जानकारी नहीं होने के कारण इस मामले को दबाने की कोशिश भी की गई। इसके बाद 15 मई को अखबार ने कई लड़कियों की तस्वीरों को धुंधलाकर छापा और उनके बयान भी लिखे। इसके बाद इस मामले की चर्चा देश भर में होने लगी। 

लड़कियों ने अपने बयान में बताया कि शहर के कुछ रसूखदार परिवार के लोगों ने न्यूड फोटो और वीडियो क्लिप का डर दिखाकर उनका यौन शोषण किया। इसके बाद उन्हें डराया और धमकाया जाने लगा। लड़कियों पर उनकी सहेलियों को साथ लाने का भी दबाव बनाया जाता, ऐसा नहीं करने पर उनके अश्लील फोटो घर वालों को दिखाने सहित अन्य तरह की धमकियां भी दी जाती थीं। लड़कियां खुद को बचाने के लिए अपनी सहेलियों को ले जाती थीं। इस तरह आरोपियों ने एक-एक कर 100 से ज्यादा लड़कियों को अपने जाल में फंसाकर उनका यौन शोषण किया। इस दौरान कई लड़कियों के साथ गैंगरेप भी किया गया।

अखबार के खुलासे के बाद मामला पुलिस तक पहुंचा और जांच शुरू हुई। इस दौरान कई चौंकाने वाले खुलासे हुए। जांच में सामने आया कि आरोपी लड़कियों की अश्लील तस्वीरें एक लैब पर धुलवाते थे। लैब के कर्मचारी ने भी उन लड़कियों को धमकाना शुरू कर दिया। इसके बाद उसने भी कई लड़कियों के साथ दुष्कर्म किया। सबसे दर्दनाक बात तो यह है कि मामले के खुलासे के बाद कई लड़कियों ने आत्महत्या कर ली। कहा जाता है कि नौबत यहां तक आ गई थी कि शहर की लड़कियों से कोई शादी करने के लिए भी तैयार नहीं था।   

मामले की जांच में इस कांड के आरोपियों के खुलासे हुए तो सब हैरान रह गए। ज्यादातर आरोपी रसूखदार परिवार के थे। अजमेर के सबसे चर्चित चिश्ती परिवार का नाम भी इस कांड से जुड़ा। पुलिस ने नफीस चिश्ती, फारूक चिश्ती और अनवर चिश्ती को आरोपी बनाया। फारूक उस दौर में यूथ कांग्रेस का अध्यक्ष था। पुलिस ने 17 लड़कियों की गवाही के बाद 18 लोगों के खिलाफ नामजद केस दर्ज किया। इनमें से आठ को अदालत ने उम्रकैद सुनाई। इस कांड में शामिल कई आरोपी अभी भी फरार हैं, जिन्हें आज तक पकड़ा नहीं जा सका। 

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